'सीरियल किलर' नर्स, जिसने कई नवजात बच्चों को मार डाला

2024-12-05 HaiPress

Serial Killer Nurse: लूसी लेटबाय की कहानी रोंगटे खड़े कर देती है.

Serial Killer Nurse: लूसी लेटबाय (Lucy Letby) के चेहरे को देखकर यकीन नहीं होगा कि उसने कई नवजात बच्चों को मार डाला है. पुलिस ने आरोप लगाया था कि वो समय से पहले या कमजोर पैदा हुए या बच्चों को मार देती है. यह काम वो अक्सर रात की शिफ्ट के दौरान करती थी. नवजात बच्चों को या तो हवा के साथ इंजेक्शन देकर या फिर उन्हें बहुत ज्यादा दूध पिलाकर या उन्हें इंसुलिन के साथ जहर देकर मार देती थी. फिलहाल वो जेल में बंद है और सात नवजात शिशुओं की हत्या और सात अन्य को मारने का प्रयास करने के दोषी होने के बाद आजीवन उम्रकैद की सजा काट रही है.अब फिर ब्रिटेन की पुलिस ने जेल में उससे दो अस्पतालों में नवजात बच्चों की मौत के बारे में पूछताछ की है. लूसी इन दोनों अस्पतालों में बतौर नर्स काम करती थी. चेशायर पुलिस ने बताया,"34 वर्षीय लुसी लेटबाय से हाल ही में चेस्टर अस्पताल और लिवरपूल महिला अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच के सिलसिले में पूछताछ की गई है. यह पहली बार है जब लिवरपूल अस्पताल के मामलों पर लूसी से पूछताछ की गई है. अभी उसे काउंटेस ऑफ़ चेस्टर हॉस्पिटल के मामले में सजा मिली है. हालांकि,लूसी की वकील हमेशा उसे बेगुनाह बताती रहती है. लूसी की वकील ने बीबीसी को बताया कि वह स्वेच्छा से साक्षात्कार में शामिल हुई थी और उसे इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है.

ऐसे हुआ शक

लूसी लेटबाय की तस्वीर.

काउंटेस ऑफ़ चेस्टर हॉस्पिटल में जून 2015 से पहले साल में दो या तीन नवजातों की मौत होती थी. लेकिन जून में कुछ अजीब घटनाएं घटीं. दो हफ़्ते के अंदर तीन नवजात शिशुओं की मौत हो गई. डॉ. ब्रेयरे ने यूनिट मैनेजर इरियन पॉवेल और अस्पताल के डायरेक्टर एलिसन केली के साथ मीटिंग बुलाई. ब्रेयरे ने बीबीसी को बताया,“हर बारीक़ पहलुओं पर हमने ग़ौर किया. हमें पता चला कि तीनों मौतों के दौरान लूसी लेटबाय ड्यूटी पर थी. मुझे याद है कि किसी ने कहा कि नहीं.. लूसी नहीं हो सकती,वो अच्छी इंसान है.” हालांकि,तीनों मौतों में कुछ भी कॉमन नहीं था और डॉ. ब्रेयरे समेत किसी को भी किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं हुआ,लेकिन अक्टूबर 2015 में फिर दो शिशुओं की मौत हुई और उस दौरान भी लूसी ही ड्यूटी पर थी. पहली बार डॉ. ब्रेयरे को लूसी पर शक हुआ कि हो न हो वही बच्चों को नुक़सान पहुंचा रही है. उन्होंने यूनिट मैनेजर इरियन पावेल से शंका जाहिर की लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी. अक्टूबर 2015 के एक ईमेल में उन्होंने मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण कहा लेकिन साथ ही लेटबाय के साथ इनके संबंधों को संयोग बताया. डॉ. ब्रेयर ने डायरेक्टर एलिसन केली से भी बात की,लेकिन वहां भी उनकी नहीं सुनी गई. डॉ. ब्रेयर के साथी डॉक्टर भी चिंतित थे,क्योंकि इन मौतों के अलावा वार्ड में नवजात शिशु बिना कारण गंभीर रूप से बीमार हो रहे थे. शिशुओं को अचानक क्रिटिकल केयर या ऑक्सीजन देने की ज़रूरत पड़ रही थी और हर बार ड्यूटी पर लेटबाय होती थी.

उसके हटते ही रुक गईं मौतें

लूसी लेटबाय की एक अन्य तस्वीर.

एक अन्य डॉक्टर रवि जयराम ने बीबीसी को बताया कि फरवरी 2016 में उन्होंने लूसी लेटबाय को एक बच्चे (जिसे ‘बेबी के' नाम दिया गया था) के सामने खड़े देखा. उसने सांस लेना बंद कर दिया था. डॉक्टर ब्रेयरे ने तत्काल अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर इयान हार्वे और एलिसन केली से संपर्क किया. मार्च में उन्होंने इरियन पॉवेल से मीटिंग करने की बात कही,लेकिन तीन महीने गुज़र गए और मई में दो शिशु लगभग मरते मरते बचे. इसके बाद वरिष्ठ मैनेजरों के साथ डॉ. ब्रेयरे की मीटिंग हुई. उनकी बात सुनी गई,लेकिन नर्स को काम जारी रखने की इजाज़त दे दी गई. जून 2016 तक एक और नवजात शिशु की मौत हो गई और इसी महीने के अंत में समय से पहले पैदा हुए ट्रिपलेट में से अचानक दो नवजातों की मौत 24 घंटे के अंतराल पर हो गई. दोनों ही मौतों के दौरान ड्यूटी पर लेटबाय थी. सदमे और हताशा से भरे पूरे स्टाफ़ की मीटिंग बुलाई गई. डॉ. ब्रेयरे ने बताया कि "जब लेटबाय से कहा गया कि वो छुट्टी ले लें,उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया और दूसरे दिन ड्यूटी पर आने को कहा. वो काफ़ी खुश थी और दूसरे दिन काम पर आने के लिए आत्मविश्वास से भरी थी.” यही वो पल था जब डॉ. ब्रेयरी और उनके साथी डॉक्टरों का शक यक़ीन में बदला. उन्होंने ड्यूटी एक्जीक्युटिव कारेन रीस से लेटबाय को ड्यूटी से हटाने को कहा,लेकिन उन्होंने मना कर दिया. दूसरे दिन एक और शिशु,‘बेबी क्यू' इतना बीमार पड़ा कि उसे मुश्किल से बचाया जा सका. उस समय भी ड्यूटी पर लेटबाय ही थी. इस घटना के बाद लूसी ने तीन और ड्यूटी की,तब जाकर उसे उस वार्ड से हटाया गया. इसके बाद वार्ड में आश्चर्यजनक रूप से ये रहस्यमयी मौतें रुक गईं,लेकिन लूसी लेटबाय को निलंबित करने की बजाय अस्पताल के रिस्क एंड पेशेंट सेफ़्टी ऑफ़िस में ट्रांसफर कर दिया गया. यहां नवजात वार्ड के संवेदनशील काग़ज़ों तक उसकी पहुंच थी और साथ में कुछ सीनियर मैनेजरों तक भी,जो उनकी जांच कर रहे थे.

ऐसे पुलिस ने शुरू की जांच

लूसी लेटबाय.

29 जून 2016 को नवजात शिशु युनिट के एक डॉक्टर ने मेल भेजकर जांच में पुलिस की मदद लेने की बात कही,लेकिन अस्पताल के मैनेजर राज़ी नहीं थे. मेडिकल डायरेक्टर इयान हार्वे ने जवाब दिया कि ‘कार्यवाही की जा रही है,अब आगे इस बारे में कोई मेल नहीं.' इसके दो दिन बाद डॉक्टरों की मैनेजमेंट के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई,जिसमें उन्हें पुलिस बुलाने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी गई और कहा गया कि अस्पताल की छवि खराब होगी,लेकिन इस मीटिंग में रॉयल कॉलेज ऑफ़ पीडियाट्रिक्स एंड टाइल्ड केयर (आरसीपीएसीएच) से नवजात वार्ड का रिव्यू कराने को कहा. आरसीपीएसीएच ने नवंबर 2016 में अपनी रिपोर्ट पूरी की,जिसमें हर अनपेक्षित मौतों की विस्तृत जांच का सुझाव दिया गया. इस बीच इयान हार्वे ने एक अन्य चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. जडेन डाउडॉन से मामले को देखने का आग्रह किया,जिन्होंने चार मौतों की फ़ारेंसिक जांच कराने का सुझाव दिया था,लेकिन ये नहीं हुआ. जनवरी 2017 में अस्पताल बोर्ड की मीटिंग हुई,जिसमें उलटे वार्ड के नेतृत्वकारी डॉक्टर के साथ समस्या और समय से हस्तक्षेप न करने का नतीजा निकाला गया. इसके कुछ ही हफ़्ते बाद वार्ड के सभी सात डॉक्टरों को बुलाया गया,जिसमें सीईओ टोनी चैंबर्स भी थे. चैंबर्स ने लूसी लेटबाय से इन लोगों को माफ़ी मांगने को कहा और मामले को यहीं ख़त्म करने की चेतावनी दी.मैनेजरों के फ़रमान के सामने डॉक्टर झुके नहीं और आख़िरकार पुलिस को जांच करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस ने काउंटेस ऑफ़ चेस्टर हॉस्पिटल में नवजातों के रहस्यमयी मौतों की आपराधिक जांच शुरू कर दी और इसका नाम रखा ‘ऑपरेशन हमिंगबर्ड.'

आखिरकार हुई सजा

सीईओ टोनी चैंबर्स ने बीबीसी पैनोरमा को बताया कि मीटिंग में हुई उनकी बातों को बिना संदर्भ के निकाला गया और जब जून 2016 में उन्हें मामले का पता चला तभी तत्काल कार्यवाही की गई और रिव्यू के आदेश दिए गए. पुलिस को डॉ. ब्रेयरे पूरी मदद कर रहे थे. तभी उन्हें एक मृतक शिशु के खून की जांच रिपोर्ट मिली,जिसमें इंसुलिन की मात्रा बहुत अधिक दिख रही थी. शरीर में अगर अधिक इंसुलिन बनता है तो साथ में सी-पेप्टाइड भी बनता है,लेकिन रिपोर्ट में सी-पेप्टाइड की रीडिंग शून्य थी. डॉ. ब्रेयरे याद करते हुए कहते हैं,“ये देख कर मुझे धक्का लगा. ये बिल्कुल साफ़ था कि शिशु को इंसुलिन देकर मारने की कोशिश की गई थी.” इसके कुछ महीने बाद नर्स लूसी लेटबाय को गिरफ़्तार कर लिया गया और अस्पताल से निलंबित कर दिया गया. लेकिन ये सब होने में तीन साल गुज़र गए. जनवरी 2018 में सीईओ चैंबर्स को इस्तीफ़ा देना पड़ा और चीफ़ एक्जीक्युटिव के रूप में डॉ. सुसान गिल्बी को नियुक्त किया गया. गिल्बी ने बीबीसी को बताया कि जब उन्हें ज़िम्मेदारी मिली तो हार्वे ने उनसे नवजात वार्ड के डॉक्टरों पर कार्रवाई करने का इशारा किया था. हालांकि हार्वे ने इससे इनकार किया है. नर्स लूसी लेटबाय पर जून 2015 से जून 2016 के बीच सात हत्याओं और 15 हत्या की कोशिशों के आरोप तय हुए. उन पर सात हत्याओं और सात हत्या की कोशिशों के दोष सिद्ध हुए.

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