क्या सिद्धारमैया सरकार सिविल निर्माण सरकारी कार्यों में मुसलमानों को आरक्षण देगी? इस प्रस्ताव की खूब चर्चा

2024-11-12 HaiPress

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया

नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka) की सिद्धारमैया सरकार सिविल निर्माण के सरकारी कार्यों में मुसलमानों को आरक्षण देने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक फिलहाल राज्य में ऐसा एक प्रस्ताव खूब चर्चा में है,जिसमें सरकारीय कार्यों में मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण देने पर विचार हो रहा है. अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो कर्नाटक में सरकारी टेंडरों में 47 प्रतिशत कोटा हो जाएगा.

फिलहाल कर्नाटक में 43 फीसदी आरक्षण

फिलहाल कर्नाटक के सरकारी कार्यों में एससी/एसटी (24 प्रतिशत) आरक्षण है. वहीं श्रेणी-1 (4 प्रतिशत) और श्रेणी-2ए (15 प्रतिशत) से संबंधित ओबीसी ठेकेदारों के लिए सिविल कार्य अनुबंधों में आरक्षण है. इस तरह कुल 43 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है. 4 फीसदी आरक्षण मुसलमानों को दिए जाने पर ये बढ़कर 47 फीसदी हो जाएगा. सिद्धारमैया सरकार मुसलमानों को 1 करोड़ तक के सरकारी निर्माण कार्यों में आरक्षण देने पर विचार कर रही है.

एमयूडीए की वजह से सुर्खियों में सिद्धारमैया

इससे राज्य में सरकारी टेंडरों में कुल आरक्षण का दायरा बढ़ जाएगा. कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया'मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण' (एमयूडीए) मामले को लेकर कुछ दिन पहले मैसूर लोकायुक्त अधीक्षक टी जे उदेश के सामने पेश हुए. मुडा (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीएम सिद्धारमैया को मुख्य आरोपी बनाया गया है. कर्नाटक के इतिहास में सत्ता में रहते हुए लोकायुक्त जांच का सामना करने वाले सिद्धारमैया पहले मुख्यमंत्री हैं.

जांच के घेरे में कर्नाटक सीएम

सीएम सिद्धारमैया का पिछला रिकॉर्ड काफी साफ सुथरा रहा है. चार दशक के राजनीतिक करियर में वो पहली बार जांच का सामना कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि अगर सीएम सिद्धारमैया को लोकायुक्त जांच में क्लीन चिट मिल जाती है,तो इससे उन्हें यह तर्क देने में मदद मिलेगी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जरूरत नहीं है और उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित है. सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट 26 नवंबर को सुनवाई करेगा.

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