हाइजैक हुए जिस प्लेन की डीलिंग टीम में शामिल थे एस जयशंकर, उसी फ्लाइट में सवार थे उनके पिता, सुनाया वो किस्सा

2024-09-14 ndtv.in HaiPress

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को जिनेवा में भारतीय समुदाय के लोगों से बात की.

नई दिल्ली/जिनेवा:

कंधार हाइजैक पर बनी नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज IC 814-द कंधार हाइजैक (IC-814) काफी चर्चा में है. यह वेब सीरीज 1999 में हुए प्लेन हाइजैक पर बेस्ड है. मौजूदा विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jai Shankar) ने इस वेब सीरीज को लेकर पूछे गए एक सवाल में 1884 का एक वाकया शेयर किया है,जब एक प्लेन को हाइजैक कर लिया गया था. इस प्लेन में जयशंकर के पिता सवार थे. जबकि एक युवा अधिकारी के तौर पर खुद जयशंकर हाईजैकर्स से डील करने वाली टीम में शामिल थे.

स्विटजरलैंड के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को जिनेवा में भारतीय समुदाय के लोगों से बात की. इस दौरान उनसे नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज IC 814 के बारे में पूछा गया. जयशंकर ने कहा,"मैंने ये वेब सीरीज नहीं देखी. हालांकि,मैंने एक हाइजैक को बहुत करीब से देखा. ये हाइजैक 1984 में हुआ था."

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किसी की जान नहीं गई,मामला निपट गया


40 साल पुराना वाकया शेयर करते हुए एस जयशंकर कहते हैं,"प्लेन के हाईजैकर्स से बातचीत करने वाली टीम में मैं खुद शामिल था. अच्छी बात ये रही थी कि किसी की जान इसमें नहीं गई थी. मामला निपट गया था. लेकिन इस पूरे मामले में सबसे खास बात ये थी कि मेरे पिता भी उस प्लेन में सवार थे,जिसे हाइजैक किया गया था."

जयशंकर ने कहा,"प्लेन के हाइजैक के करीब 3-4 घंटे के बाद मैंने अपनी मां को फोन किया. मैंने उन्हें बताया कि प्लेन हाइजैक हुआ है और मैं नहीं आ सकता. तब मुझे पता चला कि मेरे पिता उसी फ्लाइट में थे. यह एक लंबी कहानी है. गनीमत रही कि इसमें किसी की जान नहीं गई. यह मेरे लिए बड़ी अजीब स्थिति थी. एक तरफ मैं उस टीम का हिस्सा था,जो हाइजैकर्स से डील कर रही थी. दूसरी तरफ मैं उन परिवारों के सदस्यों में शामिल था,जो सरकार से मदद मांग रही थी."कब और कैसे हाइजैक हुआ था प्लेन?


दरअसल,मामला 5 जुलाई 1984 का है. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 421 को हाइजैक कर लिया था. यह एक डोमेस्टिक फ्लाइट थी,जो दिल्ली-पालम से श्रीनगर के लिए रवाना हुई थी. इसे प्रतिबंधित ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के 7 सदस्यों ने हाइजैक किया था. प्लेन को पठानकोट से हाईजैक कर दुबई ले जाया गया था. इस प्लेन में 68 यात्री और क्रू टीम के 6 मेंबर सवार थे. 36 घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत चली. फिर 12 खालिस्तानी समर्थक हाइजैकर्स ने अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया. हाइजैकिंग में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ.

इस घटना के वक्त जयशंकर एक इंडियन फॉरिन ऑफिसर (IFS) थे. रिटायरमेंट के बाद वो मंत्री बने. उनके पिता के सुब्रमण्यम भी IAS अधिकारी थे.

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29 अगस्त को रिलीज हुई सीरीज


डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज IC 814: The Kandahar Hijack 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है. नेटफ्लिक्स की इस सीरीज के कंटेंट जर्नलिस्ट श्रींजॉय चौधरी और IC-814 फ्लाइट के कैप्टन रहे देवी शरण की लिखी गई किताब 'फ्लाइट इनटू फियर: द कैप्टन स्टोरी' से लिए गए हैं. ये किताब 1999 में हुई कंधार हाइजैक का पूरा ब्योरा देती है. ये किताब अमेजॉन पर आसानी से उपलब्ध है.

क्या है वेब सीरीज की कहानी?


नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई IC-814-द कंधार हाइजैक की कहानी 24 दिसंबर 1999 की सच्ची घटना पर आधारित है. 1999 में 5 आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के प्लेन IC 814 को नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्‍ली के लिए उड़ान भरते वक्त हाईजैक कर लिया था. प्लेन को टेकऑफ के महज 40 मिनट के अंदर हाइजैक कर लिया गया था. इस प्लेन में 191 यात्री सफर कर रहे थे. आतंकवादी प्लेन को अमृतसर,लाहौर,दुबई होते हुए कंधार में ले जाते हैं. आतंकियों ने अपनी मांगे मनवाने तक सभी यात्रियों को 7 दिन तक बंधक बना कर रखा था. हाइजैक कैसे होता है? बंधक बनाने के दौरान यात्रियों की क्या हालत होती है? सरकार कैसे आतंकियों की शर्त को मानने के लिए मजबूर होती है? सरकार के सामने इन यात्रियों को छुड़ाने के लिए क्या शर्त रखी जाती है? 6 एपिसोड की इस वेबसीरीज में यही सब दिखाया गया है.

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