रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर बनीं भारतीय पत्रकार मिताली मुखर्जी, उनके बारे में डिटेल में जानिए
2025-04-09 IDOPRESS
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर बनीं मिताली मुखर्जी.
नई दिल्ली:
इंडिन जर्नलस्ट मिताली मुखर्जी (Mitali Mukharjee) रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की डायरेक्टर नियुक्त की गई हैं. पिछले अक्टूबर में रासमस नीलसन के पद छोड़ने के बाद से वह वहां र एक्टिंग डायरेक्टर थीं. एक खुली और स्वतंत्र प्रक्रिया के तहत उनको इंस्टीट्यूट का डायरेक्टर चुना गया है. उनकी नियु्क्ति का ऐलान मंगलवार को संस्थान की संचालन समिति के अध्यक्ष एलन रुसब्रिजर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के राजनीति और अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डेविड डॉयल ने की. बता दें कि मिताली मुखर्जी ने तत्काल प्रभाव ने पद संभाल लिया है.
कौन हैं मिताली मुखर्जी?
मिताली एक पॉलिटिकल इकॉनमी जर्नलिस्ट हैं.मिताली IIMC दिल्ली से पढ़ी हैं. वह साल 2001 में टेलीविजन पत्रकारिता में गोल्ड मेडिलिस्ट रही चुकी हैं.उनको टीवी,प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में दो दशकों से ज्यादा समय का अनुभव है.वह साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप 2020 के लिए शेवनिंग फेलो,ग्लोबल गवर्नेंस यंग फेलो 2019 के लिए रायसीना एशियन फोरम और ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग की 2017 की फेलो रह चुकी हैं.मिताली को साल 2020 में उनकी दो बिजनेस स्टोरीज के लिए भारत में प्रतिष्ठित रेड इंक अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था.मिताली द वायर और मिंट में कंसल्टिंग बिजनेस एडिटर भी रहीं.CNBC TV 18 में मार्केट एडिटर और टीवी टुडे और दूरदर्शन में वह प्राइम टाइम एंकर भी रहीं.वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) में फेलो भी रह चुकीहैं.मिताली दो स्टार्ट-अप की को-फाउंडर भी हैं,जो सविल सोसायटी और फाइनेंशियल लिट्रेसी पर फोकस्ड है.मिताली मुखर्जी के खास कामों के बारे में जानिए
मिताली मुखर्जी को टीवी,प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में दो दशकों से ज़्यादा का अनुभव है. अब वह रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. इंस्टीट्यूट के जर्नलिस्ट कार्यक्रमों को वह सितंबर 2022 से लीड कर रही थीं. दुनिया भर में होने वाले सम्मेलनों और कार्यक्रमों में भी वह संस्थान का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. उनके नेतृत्व में इंस्टीट्यूट ने उसके प्रमुख स्पॉन्सर्स को जोड़ा और ऑक्सफोर्ड क्लाइमेट जर्नलिज्म नेटवर्क के लिए फंड भी सिक्योर किया. इस पहल के जरिए दुनियाभर में जलवायु कवरेज की गुणवत्ता,समझ और प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और प्लेटफार्मों पर सैकड़ों पत्रकारों को सपोर्ट किया जाता है.
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