8 साल के इस बच्चे ने जीरो-ग्रेविटी में भरी उड़ान, सबसे कम उम्र में ऐसा करने का बना डाला गिनीज रिकॉर्ड

2025-03-20 HaiPress

8 साल के जैक मार्टिन प्रेसमैन ने जीरो-ग्रेविटी में भरी उड़ान

अमेरिका के एक 8 साल के लड़के ने कमाल का रिकॉर्ड बनाया है. उसने इतनी कम उम्र में ही जीरो-ग्रेविटी में उड़ान भर ली है. जीरो-ग्रेविटी यानी वह स्थिति जिसमें गुरुत्वाकर्षण का स्पष्ट प्रभाव जीरो होता है,अपना खुद का कोई वजह महसूस नहीं होता. इसके साथ उसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (GWR) में शामिल हो गया है. उस लड़के का नाम है जैक मार्टिन प्रेसमैन.

उड़ान के दौरान जैक मार्टिन प्रेसमैन ने हवा में बैकफ्लिप और 360-डिग्री स्पिन भी किए. इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वह मुंह में पानी की बूंदें डालते और जेली बीन्स पकड़ते नजर आ रहा है. प्रेसमैन ने 18 बार जीरो-ग्रेविटी में उड़ान भरी और हर बार उड़ान लगभग 30 सेकंड तक चली.

GWR ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा,"जीरो-ग्रेविटी में उड़ान भरने वाला सबसे कम उम्र का व्यक्ति (पुरुष) - जैक मार्टिन प्रेसमैन (जन्म 11 मार्च 2016),जो 8 साल और 33 दिन का है."इसमें कहा गया है,"भले बचपन के अधिकतर सपने आखिरकार पीछे छूट जाते हैं,लेकिन युवा जैक ने अपने सपने को रिकॉर्ड तोड़ने वाली वास्तविकता में बदल दिया."

View this post on Instagram

A post shared by Guinness World Records (@guinnessworldrecords)

GWR ने कहा कि इस उड़ान की व्यवस्था Zero-G द्वारा की गई थी. Zero-G एक ऐसी कंपनी है जो रिसर्च,अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग और सिर्फ आनंद के लिए भी जीरो-ग्रेविटी का अनुभव दिलाती है.

जैक की अंतरिक्ष में दिलचस्पी बहुत कम उम्र से ही है. जैक प्रेसमैन की मां जेसिका ने कहा,"जब वह बहुत छोटा था तो वह बज लाइटइयर से प्यार करता था और वास्तव में,अंतरिक्ष के प्रति उस प्यार और जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए,हमने उसके लिए अपना गुप्त अंतरिक्ष कक्ष (स्पेस रूम) बनाया था."उन्होंने आगे कहा,"इसका अपना प्राइवेट एट्रेंस था. इसके बारे में किसी और को नहीं पता था,और जब आप कमरे में जाते थे तो कमरे में एक सुंदर चांदनी नीला रंग था,और हर जगह अंधेरे में चमकते सैकड़ों तारे,नक्षत्र और ग्रह थे,और उसके पास अपना छोटा स्पेस क्राफ्ट था."

जैक बड़ा होकर अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है और उसका अगला लक्ष्य अंतरिक्ष में जाने वाला सबसे कम उम्र का इंसान बनना है.

यह भी पढ़ें:अंतरिक्ष में कहां मिलेंगे एलियंस? जानिए नई स्टडी में क्या पाया गया

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
© कॉपीराइट 2009-2020 भारतीय शहर की खबर      हमसे संपर्क करें   SiteMap