बैंकों ने 16.35 लाख करोड़ का NPA बट्टे खाते में डाला, वित्त मंत्री ने बताया अब कैसे होगी वसूली

2025-03-18 HaiPress

नई दिल्ली:

सरकार ने बताया है कि बैंकों ने पिछले 10 वित्तीय वर्षों में करीब 16.35 लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) या नहीं चुकाए गए कर्जों को बट्टे खाते में डाल दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे अधिक 2,36,265 करोड़ रुपये के एनपीए बट्टे खाते में डाले गए. वहीं 2014-15 में 58,786 करोड़ रुपये के एनपीए बट्टे खाते में डाले गए थे. यह पिछले 10 सालों में सबसे कम है.

वित्त मंत्री ने संसद को क्या बताया है

वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों ने 1,70,270 करोड़ रुपये के चुकता नहीं किए गए कर्जों को बट्टे खाते में डाल दिया.यह इसके पिछले वित्त वर्ष के 2,16,324 करोड़ रुपये से कम है.मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों और बैंकों के बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के मुताबिक बैंक गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाल देते हैं. इनमें वे एनपीए भी शामिल हैं जिनके चार वर्ष पूरे होने पर ऐसा प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह बट्टे खाते में डालने से कर्जधारकों की देनदारियों में छूट नहीं मिलती और इसलिए इससे कर्जधारक को कोई लाभ नहीं होता.

उन्होंने कहा कि बैंक अपने पास उपलब्ध विभिन्न वसूली तंत्रों के तहत उधारकर्ताओं के विरुद्ध शुरू की गई वसूली कार्रवाइयों को जारी रखते हैं,जैसे कि दीवानी अदालतों या ऋण वसूली अधिकरणों में वाद दायर करना,वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम के तहत कार्रवाई करना. इसके अलावा,इनमें दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण में मामले दायर करना आदि भी शामिल है.

वसूली के लिए बैंकों को पास कितने रास्ते हैं

मंत्री ने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर 2024 तक,अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में 29 विशिष्ट उधारकर्ता कंपनियां शामिल थीं,जिन्हें एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है. उनमें से प्रत्येक पर 1,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक का बकाया है. इन खातों में कुल बकाया 61,027 करोड़ रुपए है.

कर्जधारकों से देय राशि की वसूली के संबंध में,बैंक कर्जधाकरकों को कॉल करते हैं और देय राशि के भुगतान के संबंध में ईमेल/पत्र भेजते हैं. वहीं,बैंक कॉरपोरेट कर्जधाकरकों के मामले में कंपनी दिवालियापन समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण से भी संपर्क कर सकते हैं.

आठवें वेतन आयोग का गठन

एक अन्य सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के वित्तीय निहितार्थ का पता उस वक्त चलेगा,जब इस वेतन आयोग द्वारा सिफारिशें की जाएंगी और सरकार द्वारा उन्हें स्वीकार कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: 'औरंगजेब की कब्र शौर्य का प्रतीक,कभी टूटनी नहीं चाहिए',संजय राउत के बयान पर नया संग्राम

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
© कॉपीराइट 2009-2020 भारतीय शहर की खबर      हमसे संपर्क करें   SiteMap