आखिर किस वजह से बंद किया गया था प्रयाग संगम स्टेशन और क्यों बढ़ी महाकुंभ में एकाएक भीड़; जानिए पीछे की कहानी
2025-02-10 HaiPress
प्रयागराज:
महाकुंभ मेले में स्नान पर्व के इतर आम दिनों में अनुमान से कहीं अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से प्रयागराज की चारों दिशाओं से आने वाले मार्गों पर रविवार को कई कई घंटों का जाम लगा रहा. स्टेशन के बाहर अधिक भीड़ होने से प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद कर दिया गया.
मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक,रविवार शाम आठ बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया और 13 जनवरी से नौ फरवरी तक 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अचानक से भीड़ क्यों बढ़ी? जानिए पूरी कहानी.
वीकेंड है सबसे बड़ी वजह
जानकारी के अनुसार,मौनी अमावस्या पर जितनी भीड़ आई थी,लगभग उतनी ही भीड़ अब आ रही है. भीड़ बहुत अधिक है. मौनी अमावस्या पर मेला क्षेत्र के नजदीक की पार्किंग पहले भरी जा रही थी और उसके बाद दूर की पार्किंग भरी जा रही थी. वीकेंड होने के कारण लोग आ रहे हैं.वीकेंड पर मध्य प्रदेश,झारखंड,छत्तीसगढ़,बिहार,राजस्थान से श्रद्धालु बहुत ही ज्यादा आ रहे हैं. ऐसे में वे अपनी गाड़ी से आ रहे हैं. उनकी कोशिश है कि वे गाड़ी लेकर शहर के अंदर पहुंचे,मगर भारी भीड़ के कारण जाम लग गया. इस वजह से लोगों को काफी परेशानी भी हुई.
मौनी अमावास्या के बाद नहीं कम रही है भीड़
मौनी अमावास्या की घटना के बाद लोगों में दहशत बन गई थी. इस कारण श्रद्धालु कम आ रहे थे. वसंत पंचमी के मौके पर भी लोग कम थे. पीएम मोदी ने जिस दिन स्नान किया,उस दिन भी लोग कम थे. वीकेंड के दिन अचानक से भीड़ बढ़ गई जिससे जाम की समस्या बढ़ गई.ट्रैफिक पुलिस का क्या है कहना?
एडीसीपी (यातायात) ने बताया,“दूर की पार्किंग 50 प्रतिशत भर गई है. नजदीक वाली पार्किंग छोटी पार्किंग है,जबकि दूर वाली पार्किंग बड़ी है. उदाहरण के तौर पर आईईआरटी और बघाड़ा पार्किंग (मेला क्षेत्र के नजदीक) की क्षमता चार से पांच हजार वाहनों को खड़े किये जाने की है,जबकि दूर की पार्किंग जैसे नेहरू पार्क और बेला कछार की पार्किंग में 20-25 हजार वाहन आ सकते हैं.”एडीसीपी (यातायात) कुलदीप सिंह ने कहा,“वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और यात्री इस कोशिश में हैं कि वे नजदीक से नजदीक आएं. इसकी वजह से लंबा जाम लग रहा है. हमें मौनी अमावस्या वाली व्यवस्था लागू करनी पड़ रही है.”