महाराष्ट्र चुनाव : बीजेपी उपाध्यक्ष हितेश जैन ने लगाए उद्धव सरकार पर राज्य के विकास की अनदेखी के आरोप
2024-11-12 HaiPress
महाराष्ट्र बीजेपी के उपाध्यक्ष हितेश जैन.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में चुनावी माहौल गर्म है. ऐसे में महायुति और एमवीए में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. दोनों ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. राज्य की सत्ता में महायुति और एमवीए दोनों ही वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं. ऐसे में पिछले पांच साल में एमवीए और महायुति दोनों ही राज्य की सत्ता में रहे हैं और दोनों के कार्यकाल को लोगों ने देखा है. अब किसके कार्यकाल में कैसा माहौल था इस बारे में लोगों को बताया जा रहा है. बीजेपी की ओर से यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि एमवीए के कार्यकाल में महाराष्ट्र देश में विकास में पिछड़ता जा रहा था तो वहीं एमवीए भी इसी प्रकार के आरोप महायुति पर लगाता रहा है.
ऐसा ही आरोप महाराष्ट्र में बीजेपी के उपाध्यक्ष हितेश जैन ने भी एमवीए की सरकार पर लगाया है. इस संबंध में हितेश जैन ने पोस्ट एक सीरीज अपने एक्स हैंडल पर डाली है. इसमें जैन ने यह आरोप लगाया है कि एमवीए के शासन काल में यह बताने की कोशिश की गई कि केंद्र राज्य की अनदेखी कर रहा था. इतना ही नहीं महाराष्ट्र में लगने वाले उद्योग गुजरात भेजने का आरोप भी उद्धव ठाकरे की सरकार ने लगाया था.
महायुति ने बदला माहौल
जैन का कहना है कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद जब महायुति की सरकार बनी तब इस पूरे माहौल को बदला गया. बुनियादी ढांचे,कानून और व्यवस्था और एक नए कारोबारी माहौल पर दृढ़ता से फोकस के माध्यम से महायुति सरकार ने महाराष्ट्र को एक औद्योगिक पावर-हाउस के रूप में पुनः स्थापित किया है.
In the ongoing debate about Maharashtra's industrial future,one narrative has captured headlines,fueled by the failed MVA and its eco system the idea that Maharashtra is losing industries to Gujarat due to Central favoritism. This narrative,however,crumbles when viewed… pic.twitter.com/KrzoQOeIYn
— Hitesh Jain (@HiteshJ1973) November 12,2024
महायुति ने बनाया विकास का माहौल
जैन ने ट्वीट में कहा,'हालांकि,इस वापसी की कहानी 2016 में शुरू होती है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ऐसी नीतियों का समर्थन किया,जिससे व्यापार करने में आसानी (ईज ऑफ डूईंग बिजनेस) में महाराष्ट्र की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ. उनके प्रशासन ने समझा कि एक राज्य को विकास में बाधा डालने के बजाय उसे बढ़ावा देना चाहिए. फडणवीस की सरकार में महाराष्ट्र ने शासन के लिए नए मानक स्थापित किए,राज्य को निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित किया. लेकिन एमवीए सरकार में कहानी में ऐसा मोड़ आ गया,जब उद्धव ठाकरे का प्रशासन बार-बार विकास परियोजनाओं को रोक रहा था,निवेशक-अनुकूल नीतियों को पलटा गया और अनिश्चितता का माहौल बना दिया गया था. आज महायुति सरकार ने न केवल इस क्षति की भरपाई की है बल्कि वह महाराष्ट्र को औद्योगिक विकास और इनोवेशन के केंद्र के रूप में फिर से तैयार किया है.'
पिछड़े इलाकों में हुआ विकास
बीजेपी नेता हितेश जैन का दावा है कि पिछले दो वर्षों में महायुति सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों के चलते महाराष्ट्र में प्रमुख उद्योग स्थापित हुए हैं. फॉक्सकॉन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गजों से लेकर गढ़चिरौली जैसे पूर्व अविकसित क्षेत्रों में स्टील और कपड़ा क्षेत्र में नए विकास तक,महाराष्ट्र का औद्योगिक परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है. कभी नक्सली हिंसा से त्रस्त रहे गढ़चिरौली क्षेत्र को स्टील हब में बदलना सुदूर क्षेत्रों तक भी विकास पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है.
उद्धव सरकार में नीतिगत पंगुता रही
उनका आरोप है कि महायुति की सरकार के विकास पिछली सरकार की नीतिगत पंगुता और अराजकता के बिल्कुल विपरीत हैं. उनका आरोप है कि उद्धव ठाकरे के समय महाराष्ट्र का विकास हर मोड़ पर रुका रहा. जैन ने उदाहरण दिया और कहा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं में दूरदर्शिता की कमी और गलत प्राथमिकताओं के कारण देरी हुई. आरे मेट्रो कार शेड के लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे के विरोध के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के प्रति उनके विरोध ने सार्वजनिक हित पर राजनीतिक हित को प्राथमिकता दी. एक प्रमुख उद्योगपति के आवास के बाहर पुलिस अधिकारी सचिन वज़े द्वारा जिलेटिन की छड़ें रखने का कुख्यात मामला कानून-व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है जो किसी भी संभावित निवेशक को राज्य से दूर कर देने के लिए काफी है.
राज्य में विकास लौटा
हितेश जैन का दावा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीसके नेतृत्व में महाराष्ट्र के बुनियादी ढांचे को फिर से फोकस में लाने के बाद राज्य में स्थिरता,कनेक्टिविटी और दीर्घकालिक विकास की क्षमता तलाश रहे उद्योगपतियों के बीच राज्य को एक विकल्प के रूप में फिर से स्थापित किया है. बीजेपी उपाध्यक्ष का दावा है कि महाराष्ट्र फिर से उभर रहा है और इस बार अधिक मजबूत,अधिक लचीला और भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है.