Adani परिवार ने FY24 में दिया 16% ज्यादा दान, शिक्षा और कौशल विकास पर रहा मुख्य फोकस

2024-11-08 HaiPress

नई दिल्ली:

अदाणी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी के परिवार ने FY24 में 330 करोड़ रुपये का दान दिया है. हुरुन इंडिया ने एडलवाइज के साथ मिलकर 'Edelgive-Hurun India Philanthropy List 2024' जारी की है. इस लिस्ट में देश में सबसे बड़े दानवीरों की लिस्ट तैयार की गई है. लिस्ट में 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच किए गए दान के आंकड़े लिए गए हैं.

अदाणी परिवार के दान में 16% का इजाफा


FY24 में गौतम अदाणी और उनके परिवार ने 330 करोड़ रुपये का दान दिया. वे लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं. FY23 की तुलना में अदाणी परिवार के दान में 16% का इजाफा दर्ज किया गया है. ये अदाणी अदाणी फाउंडेशन के जरिए शिक्षा,कौशल विकास और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किया गया.

अहमदाबाद से लिस्ट में कुल 9 दानवीरों को शामिल किया गया है,जिनमें सबसे ज्यादा दान अदाणी परिवार ने ही दिया है.

इससे पहले 2022 में गौतम अदाणी ने अपने 60वें जन्मदिन और अपने पिता शांतिलाल अदाणी की 100वीं जयंती के अवसर पर 60,000 करोड़ रुपये दान किए थे. इसका उद्देश्य भारत में लंबे समय तक सामाजिक आवश्यकताओं को संबोधित करना था,जिसमें स्वास्थ्य सेवा,शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करने की प्रतिबद्धता थी ताकि अधिक न्यायसंगत,भविष्य के लिए तैयार भारत का निर्माण किया जा सके.

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शिक्षा पर फोकस


अदाणी ग्रुप के लिए शिक्षा भी एक सेंट्रल पिलर बना हुआ है. इस वर्ष 330 करोड़ रुपये का दान शैक्षणिक संस्थानों,छात्रवृत्तियों और बुनियादी ढांचे के विकास परियोजनाओं के अलावा परोपकार के दूसरे कार्यों के लिए दिया गया है.

अदाणी ग्रुप के प्रयासों में स्कूल बनाना,वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति देना और ग्रामीण भारत में शैक्षिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए स्थानीय सरकारों के साथ साझेदारी करना शामिल है.

गौतम अदाणी और उनके परिवार ने इससे पहले 2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया था,जिसमें उनकी कुल संपत्ति 11.6 लाख करोड़ रुपये थी. ये लिस्ट का 13वां एडिशन था.

लिस्ट में टॉप पर शिव नादर


हुरुन इंडिया के मुताबिक FY24 में शिव नादर और परिवार ने 2,153 करोड़ रुपये का दान दिया और देश के सबसे बड़े दानवीर रहे. बीते 5 साल में वे लगातार तीसरी बार भारतीय दानवीरों की लिस्ट में टॉप पर रहे हैं.

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